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SBI Minimum Balance Rule 2025: एसबीआई न्यूनतम बैलेंस नियम: अब आपके बचत खाते पर कोई पेनल्टी नहीं!

SBI Minimum Balance Rule 2025: एसबीआई ग्राहकों के लिए बड़ी खबर! भारतीय स्टेट बैंक ने नियमित बचत खातों पर न्यूनतम बैलेंस न रखने पर लगने वाले जुर्माने को खत्म कर दिया है। जानिए यह नियम कब से लागू है और जनधन खातों पर क्या असर पड़ेगा। इस महत्वपूर्ण बदलाव से जुड़ी पूरी जानकारी और आपके सभी सवालों के जवाब यहाँ मिलेंगे।

एसबीआई के मिनिमम बैलेंस नियम में बड़ा बदलाव

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के करोड़ों ग्राहकों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। अब आपको अपने बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने की चिंता करने की जरूरत नहीं है। वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि SBI नियमित बचत खातों पर न्यूनतम शेष राशि न रखने के लिए कोई शुल्क नहीं ले रहा है। यह महत्वपूर्ण बदलाव मार्च 2020 से प्रभावी है जिसका अर्थ है कि पिछले कुछ वर्षों से ग्राहकों को इस नियम से मुक्ति मिली हुई है। यह कदम लाखों भारतीयों को वित्तीय राहत प्रदान करता है खासकर उन्हें जो अपनी दैनिक आय पर निर्भर करते हैं और जिनके लिए हर समय खाते में एक निश्चित राशि बनाए रखना मुश्किल हो सकता है।

जनधन खातों पर मिनिमम बैलेंस का नियम

प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के तहत खोले गए खातों के लिए न्यूनतम बैलेंस का नियम कभी लागू नहीं था और यह यथावत बना हुआ है। सरकार ने एक बार फिर दोहराया है कि जनधन खातों में न्यूनतम शेष राशि बनाए रखना अनिवार्य नहीं है। इसका मतलब है कि इन खातों पर कभी भी न्यूनतम बैलेंस न होने पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाता है। यह योजना समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने के उद्देश्य से शुरू की गई थी और इस छूट से यह सुनिश्चित होता है कि वित्तीय समावेशन का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके बिना किसी अतिरिक्त बोझ के।

RBI की गाइडलाइंस और बैंकों की स्वायत्तता

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के दिशानिर्देशों के अनुसार बैंकों को खाता खोलते समय ग्राहकों को न्यूनतम बैलेंस की शर्तों के बारे में स्पष्ट जानकारी देनी होती है। यदि बाद में इन नियमों में कोई बदलाव होता है तो ग्राहकों को इसकी सूचना देना अनिवार्य है। हालांक सेवा शुल्क के मामले में RBI बैंकों को अपने बोर्ड-अनुमोदित नीतियों के तहत शुल्क तय करने की अनुमति देता है। इसका मतलब है कि बैंक अपने स्वयं के विवेक पर शुल्क निर्धारित कर सकते हैं बशर्ते वे पारदर्शी हों और ग्राहकों को पहले से सूचित किया जाए। यह ग्राहकों को किसी भी संभावित शुल्क के बारे में जानने और अपने खाते का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने में मदद करता है। यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि केवल शुल्क के कारण किसी खाते का बैलेंस नकारात्मक न हो जाए।

अब आपको क्या जानना चाहिए?

इस बदलाव का सीधा मतलब है कि यदि आपका भारतीय स्टेट बैंक में नियमित बचत खाता है और उसमें न्यूनतम बैलेंस नहीं रहता है तो भी आपसे कोई पेनल्टी नहीं वसूली जाएगी। यह उन ग्राहकों के लिए एक बड़ी सुविधा है जो पहले इस नियम के कारण चिंतित रहते थे। यह कदम वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और आम जनता पर वित्तीय बोझ को कम करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह सुनिश्चित करता है कि बैंकिंग सेवाएं अधिक सुलभ और तनाव-मुक्त हों जिससे नागरिक अपनी बचत को अधिक आत्मविश्वास से प्रबंधित कर सकें। किसी भी नए नियम या बदलाव के लिए हमेशा आधिकारिक बैंक अधिसूचनाओं और वेबसाइटों की जांच करने की सलाह दी जाती है।

क्या SBI बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर अब भी कोई शुल्क लगता है?

नहीं, भारतीय स्टेट बैंक ने मार्च 2020 से नियमित बचत खातों पर न्यूनतम बैलेंस न रखने पर लगने वाले जुर्माने को खत्म कर दिया है।

जनधन खातों पर न्यूनतम बैलेंस का क्या नियम है?

प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के तहत खुले खातों पर न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना कभी भी अनिवार्य नहीं था और न ही इन पर कोई जुर्माना लगता है।

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